| 1. | रात्रि का प्रवेश काल ही है ।
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| 2. | रात्रि का प्रवेश काल ही है।
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| 3. | मास कुंडली में मास का प्रवेश काल भी सूर्य के भोगांश पर निर्भर करता है।
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| 4. | म्यांमार में 11वीं शताब्दी में राजा अनावृथा का शासनकाल रामायण का प्रवेश काल माना जाता है।
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| 5. | वर्षा का विचार चंद्र में सूर्य का आद्र्रा नक्षत्र प्रवेश काल भी विशेष महत्व रखता है।
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| 6. | मध्य रात्रि में इस प्रवेश काल के कारण अगले दिवस सूर्योदय से सूर्यास्त तक पुण्यकाल रहेगा।
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| 7. | मध्य रात्रि में इस प्रवेश काल के कारण अगले दिवस सूर्योदय से सूर्यास्त तक पुण्यकाल रहेगा।
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| 8. | प्रवेश काल में भी ऐसे सवाल पैदा होंगे और पूछे जाऐंगे तब संस्थाएं क्या जवाब दे पाऐंगी।
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| 9. | फिर श्री कृष्ण जी में प्रवेश काल बार-बार कह रहे हैं कि अर्जुन कायर मत बन, युद्ध कर।
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| 10. | इस प्रकार गणितीय मान से नक्षत्र का प्रवेश काल कृतिका से आगे चौथे नक्षत्र रोहिणी से शुरू होना चाहि ए.
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